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मतदान कमी से उठे सवाल: लोकतंत्र के ख़तरे का अंजाम?


मतदान कमी से उठे सवाल: लोकतंत्र के ख़तरे का अंजाम?

देश में आयोजित हो रहे चुनावों में मतदान की कमी के संदर्भ में बहुत सोचने की बात है। हमारे देश में 140 करोड़ लोगों का बहुमुखी विकास हो रहा है, जिसमें 80 करोड़ लोग पिछले 5 सालों से फ्री के राशन का लाभ उठा रहे हैं। लेकिन इसके विपरीत, वोटिंग में सिर्फ 48% लोगों की भागीदारी हो रही है।

यह निरंतर चिंता का विषय है क्योंकि मतदान की कमी से हम लोकतंत्रिक प्रक्रिया में प्रतिबंध लाते हैं। अगर हम सभी मिलकर मतदान करें, तो हम अपने देश के निर्माण में अधिक सक्रिय भागीदार बन सकते हैं।

प्रत्याशियों और उनके समर्थकों को भी चिंता है कि यदि मतदान कम हुआ, तो उनकी हार या जीत का अंतर कम वोटों के रहेगा। इसलिए, प्रत्याशियों को भी लोगों के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। यह आवश्यक है कि हम सभी अपने मताधिकार का उपयोग करें और मतदान करें।

अगले 5 सालों में, यह चुनाव हमारे देश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए, हमें यह समझना होगा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम सभी अपने अधिकारों का पूरी शक्ति से प्रयोग करें।
From: AIMA MEDIA FOUNDATION

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